मांग
वस्तु की मात्रा किस पर निर्भर करता है,जिसका चयन उपभोक्ता इष्टतम रूप में करता है ?
1. वस्तु की अपनी कीमत
2. अन्य वस्तुओं की कीमतों
3. उपभोक्ता की आय
4. उसकी रूचि
5. अधिमानों पर
वस्तु की मांग किसे कहते हैं ?
किसी वस्तु की मात्रा जो एक उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों, रूचियों एवं अधिमानों को निश्चित रखते हुए खरीदने को तैयार है और क्षमता रखता है, को वस्तु की मांग कहते हैं।
इनमें से एक या एक से अधिक परिवर्तों में परिवर्तन होता है, तो उपभोक्ता द्वारा चयनित वस्तु की मात्रा में भी परिवर्तन आने की संभावना हो जाती है।
मांग वक्र तथा मांग का नियम
यदि दूसरी वस्तुओं की कीमत उपभोक्ता की आय तथा उसकी अभिरुचि और अधिमान अपरिवर्तित रहते हैं तो किसी वस्तु की मात्रा जिसका उपभोक्ता इष्टतम रूप से चयन करता है, पूरी तरह से उसकी कीमत पर निर्भर हो जाती है।
मांग फलन क्या होता है ?
किसी वस्तु की मात्रा के लिए उपभोक्ता का इष्टतम चयन तथा उसकी कीमत में संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा संबंधित मांग फलन कहलाता है।
उपभोक्ता की मांग की कीमत के एक फलन के रूप में इस प्रकार लिखा जा सकती है :
X = f (p)
जहां X मात्रा को इंगित करता है तथा p वस्तु की कीमत इंगित करता है।
मांग फलन को ग्राफीय रूप में भी दर्शाया जा सकता है।
मांग फलन की ग्राफीय चित्रण मांग वक्र कहलाता है
उपभोक्ता का किसी वस्तु के लिए मांग तथा उस वस्तु की कीमत के बीच संबंध साधारणत: नकारात्मक होता है।
या
वस्तु की मात्रा जो उपभोक्ता इष्टतम चयन होगा, वह वस्तु की कीमत गिरने से संभावित रूप से बढ़ सकता है तथा या वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर संभावित रूप से घट सकता है।
अनधिमान वक्रों तथा बजट बाधाओं से मांग वक्र की व्युत्पत्ति
एक व्यक्ति द्वारा खरीदे गए वास्तु की मात्रा में वृद्धि करती है जो अपनी उपयोगिता को अधिकतम कर लेता है, अतः वस्तुओं की मांग वक्र ऋणात्मक रूप से ढ़लवा होता है।
मांग वक्र के ऋणात्मक ढाल के प्रतिस्थापन एवं आम प्रभाव के आधार पर भी समझाया जा सकता है, जो वस्तुओं की कीमत में परिवर्तन से क्रियाशील होते हैं।
मांग का नियम क्या है ?
यदि किसी वस्तु के लिए किसी उपभोक्ता की मांग उस दिशा में है, जिस दिशा में उपभोक्ता की आय है तो उस वस्तु के लिए उपभोक्ता की मांग का उसकी कीमत के साथ विपरीत संबंध होता है।
रैखीय मांग
देखिए मांग वक्र को साधारणत: इस प्रकार दर्शाया जा सकता है।
d(p) = a - bp; 0 = < p = < a / b
= 0; p > a / b
जहां a उर्ध्वस्तर अंत: कंड है, -b मांग वक्र की प्रवणता है ।
0 कीमत पर मांग a है तथा a/b के बराबर कीमत पर मांग 0 है ।
मांग वक्र की प्रवंता उस दर की माप करती है, जिस पर कीमत के संदर्भ में मांग परिवर्तन हो जाती है।
वस्तु की कीमत पर एक इकाई वृद्धि के लिए मांग b इकाई गिरती है।
सामान्य और निम्नस्तरीय वस्तुएं
किसी वस्तु की मांग तथा इसकी कीमत के बीच का संबंध है अध्ययन के स्थान पर हम उपभोक्ता की किसी वस्तु के लिए मांग तथा उपभोक्ता की आय के संबंध का भी अध्ययन कर सकते हैं।
उपभोक्ता की आय में वृद्धि होने पर किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की मांग बढ़ या घट सकती है और यह वस्तु की स्वरुप पर निर्भर करता है
सामान्य वस्तुएं किसे कहते हैं ?
जब वस्तु की चयन उपभोक्ता करता है जिसकी मात्रा में वृद्धि होती है, जब उपभोक्ता की आय में वृद्धि होती है तथा वस्तु की मात्रा में कमी आती है जब उपभोक्ता की आय मे कमी आती है। ऐसी वस्तुएं सामान्य वस्तु कहलाती है।
निम्नस्तरीय वस्तु में किसे कहते हैं ?
एक उपभोक्ता की मांग सामान्य वस्तु के लिए उस दिशा में गति करती है जिस दिशा में उपभोक्ता की आय।लेकिन कुछ ऐसी भी वस्तुएं हैं जिनके लिए मांग उपभोक्ता की आकर विपरीत दिशा में जाती है।ऐसी वस्तुओं को निम्नस्तरीय वस्तु कहा जाता है।
उदाहरण के लिए :-
उपभोक्ता की आय जैसे - जैसे बढ़ती है, निम्नस्तरीय वस्तु के लिए मांग घटती जाती है और आय जैसे - जेसे घटती है, निम्न स्तरीय वस्तु की मांग बढ़ जाती है।
स्थानापन्न तथा पूरक
हम उपभोगता द्वारा चुनी जाने वाली वस्तु की मात्रा तथा किसी संबंध वस्तु की कीमत के बीच संबंध का भी अध्ययन कर सकते हैं।
पूरक वस्तुएं किसे कहते हैं ?
जब एक वस्तु के साथ-साथ अन्य वस्तु का भी उपयोग किया जाता है, उसे पूरक वस्तुएं में कहा जाता है। इनके उदाहरण है :-चाय तथा चीनी, जूते तथा जुराब, कलम तथा स्याही आदि।
चाय तथा चीनी साथ उपयोग में लाए जाते हैं, संभव है कि चीनी की कीमत में वृद्धि चाय के लिए मांग घटाएगी तथा चीनी की कीमत में गिरावट संभवत: चाय की मांग को बढ़ाएगी।
स्थानापन वस्तुएं किसे कहते हैं ?
जब एक वस्तु की कीमत में वृद्धि होने से, दूसरे वस्तु की मांग बढ़ जाती है।
उसी तरह जब दूसरे वस्तु की कीमत में वृद्धि होती है तो इस स्थिति में पहले वस्तु की मांग बढ़ने लगती है।
उधारण के लिए:-
चाय व कॉफी-अगर चाय की कीमत में वृद्धि होने लगती है,तो उपभोगता कॉफी की ओर जा सकते हैं।
इसके विपरीत अगर कॉफी की कीमत बढ़ने लगती है तो उपभोगता चाय की ओर जाएगी।
मांग वक्र में शिफ्ट
अन्य वस्तु की कीमतों और किसी उपभोक्ता के अधिमान दिए हुए होने पर, यदि उसकी आय में वृद्धि होती है, तो प्रत्येक कीमत पर वस्तु के लिए मांग में परिवर्तन होता है और इस प्रकार मांग वक्र शिफ्ट हो जाता है।
सामान्य वस्तुओं के लिए मांग वक्र का शिफ्ट दाई ओर तथा निम्नस्तरीय वस्तु के लिए मांग वक्र का शिफ्ट बाईं ओर होता है ।
मांग वक्र कब दाई ओर शिफ्ट होता है ?
उपभोक्ता की अधिमान में परिवर्तन, यदि किसी वस्तु के पक्ष में होता है तब ऐसी वस्तु के लिए मांग वक्र का शिफ्ट दाएं ओर होगा ।
जब स्थानापन्न वस्तु की कीमत बढ़ती है तब मांग वक्र दाएं और शिफ्ट होता है।
अगर उपभोक्ता के अधिमान में परिवर्तन यदि अनुकूल होता है तब मांग वक्र का शिफ्ट दाई ओर होता है।
उदाहरण के लिए :-
शीत ऋतु में मांग वक्र बाई ओर शिफ्ट होगा, क्योंकि लोग पंखे को पसंद नहीं करेंगे।
मांग वक्र बाई ओर कब शिफ्ट होगा ?
उपभोक्ता की अभिमान में परिवर्तन यदि किसी वस्तु के पक्ष में नहीं होता तब ऐसी वस्तु के लिए मांग वक्र का शिफ्ट बाई ओर होगा।
जब पूरक वस्तु की कीमत बढ़ती है तो मांग वक्र का शिफ्ट बाई और होता है।
यदि उपभोक्ता के अधिमान में परिवर्तन यदि प्रतिकूल होता है तब मांग वक्र का शिफ्ट बाई ओर शिफ्ट होता है।
उदाहरण के लिए :-
यदि ग्रीष्म ऋतु में आइसक्रीम मांग वक्र का दाई ओर शिफ्ट होगा, क्योंकि इस मौसम में आइसक्रीम को लोग को अधिक पसंद करते हैं।
मांग वक्र की दिशा में गति और मांग वक्र में शिफ्ट
यदि वस्तु की कीमत, अन्य वस्तुओं की कीमतें, उपभोक्ता की आय तथा उसकी रूचियों और अधिमान पर निर्भर करता है।
मांग फलन वस्तु की मात्रा और उसकी कीमत के बीच का उस समय का संबंध होता है, जब अन्य वस्तुएं अपरिवर्तित रहती है।
ऊंची कीमतों पर मांग कम होती है और कम कीमतों पर मांग अधिक होती है, अतः कीमत में कोई भी परिवर्तन होने के फलस्वरूप मांग वक्र की दिशा में गति होती है।