1. सन् 632 ईसवी में पैगंबर मोहम्मद के देहांत के परिणाम स्वरूप क्या-क्या बदलाव हुए ?
1. पैगंबर मोहम्मद किन्हीं को उत्तराधिकारी सौप के नहीं गए थे।
2. उनकी राजनैतिक सत्ता,उत्तराधिकारी के किसी सुस्थापित सिद्धांत के अभाव में उम्मा को अंतरित कर दी गई।
3. इससे नवाचारों के लिए अवसर उत्पन्न हुए, लेकिन इससे मुसलमानों में गहरे मतभेद भी पैदा हो गए।
4. सबसे बड़ा नव-परिवर्तन यह हुआ कि खिलाफत की संस्था का निर्माण हुआ।
5. जिसमें समुदाय का नेता (अमीर अल - मोमिनीन) पैगंबर का प्रतिनिधि (खलीफा) बन गया।
6. पैगंबर मोहम्मद के देहावसान के बाद बहुत से कबीलो ने इस्लामी राज्य से टूटकर अलग हो गए।
7. कुछ कबीलो ने तो उम्मा के नमूने पर अपने समाजों की स्थापना करने के लिए अपने स्वयं के पैगंबर बना लिए।
2. पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु के बाद कौन-कौन पैगंबर का प्रतिनिधि बना ?
पहले चार खलीफाओं (632-661)
1. अबू बकर
2. उमर
3. उस्मान या उथमान
4. अली
3. खिलाफत के दो मुख्य उद्देश्य क्या थे ?
1. कबीलों पर नियंत्रण कायम करना, जिनसे मिलकर उम्मा का गठन हुआ था।
2. राज्य के लिए संसाधन जुटाना
4. खलीफाओं का गठन किस तरह से स्थापित हुआ ?
1. चार खलीफाओं (632-661) ने पैगंबर के साथ अपने गहरे और नजदीकी संबंध के आधार पर अपनी शक्तियों का औचित्य स्थापित किया।
2. पैगंबर द्वारा दिए गए मार्ग-निर्देशों के अंतर्गत उनका कार्य जारी रखा।
5. पहले खलीफा अबू बकर ने उम्मा के लिए क्या-क्या किए ?
उन्होंने अनेक अभियानों द्वारा विद्रोहो का दमन किया।
6. दूसरे खलीफा उमर ने उम्मा की सत्ता के विस्तार के लिए कौन - कौन से कदम उठाए ?
1. सत्ता के विस्तार की नीति को अपनाया।
2. उम्मा को व्यापार और करो से होने वाली मामूली आय के बल पर नहीं चलाया।
3. धनराशि (गनीमा) प्राप्त करने के लिए अभियानों के रूप में मारे जाने वाले छापों से लूट की भारी धन राशि जुटाया।
4. खलीफा और उसके सेनापतियों ने पश्चिम में बाइजेंटाइन सम्राज और पूर्व में सानी साम्राज्य के इलाकों को जीतने के लिए अपने कबीलों की शक्ति जुटाई।
5. अरबों के आक्रमण के समय,पश्चिम में बाइजेंटाइन सम्राज और पूर्व में ससानी साम्राज्य,इन दोनों साम्राज्यो की शक्ति में धार्मिक संघर्षों और अभिजात वर्गों के विद्रोह के कारण गिरावट आ चुकी थी, इसके कारण युद्ध और संधियों के जरिए उन्हें अपने अधीन लाना आसान हो गया था।
6. उन्होंने तीन सफल अभियानों (637-642) में, अरबों में सीरिया, इराक, ईरान और मिस्र को मदीना के नियंत्रित में ला दिया।
7. सामरिक नीति, धार्मिक जोश और विरोधियों की कमजोरियों ने अरबों की सफलता में योगदान दिया।
7. बाइजेंटाइन और ससानी साम्राज्य कैसे समृद्ध थे ?
1. बाइजेंटाइन और ससानी साम्राज्य जब अपनी शक्ति के सर्वोच्च शिखर पर थे तो वे विशाल क्षेत्रों पर शासन करते थे और अरब में अपने राजनीतिक और वाणिज्यक हितों को आगे बढ़ाने के लिए उनके पास बड़ी मात्रा में संसाधन थे।
2. बाइजेंटाइन साम्राज्य ईसाई मत को बढ़ावा देता था और ससानी साम्राज्य ईरान के प्राचीन धर्म जरतुश्त धर्म को संरक्षण प्रदान करता था ।
8. तीसरे खलीफा उथमान ने इस्लाम साम्राज्य के विस्तार में क्या-क्या कदम उठाएं ?
1. उस्मान ने अपना नियंत्रण मध्य एशिया तक बढ़ाने के लिए और अभियान चलाएं
2. पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु के एक दशक के अंदर अरब इस्लामी राज्य ने नील और आॅक्सस के बीच के विशाल क्षेत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया। यह इलाके आज तक मुस्लिम शासन के अंतर्गत है।
3. उथमान (644-656) भी एक कुरैश था और उसने अधिक नियंत्रण प्राप्त करने के लिए प्रशासन को अपनी ही आदमियों से भर दिया। इससे राज्य का मक्काई स्वरूप और अधिक जोरदार हो गया।
4. परिणाम स्वरूप अन्य कवियों के साथ झगड़ा पैदा हो गए इराक और मिस्र में तो विरोध भाई अब मदीने में भी विरोध उत्पन्न हो जाने के परिणामस्वरूप उस्मान की हत्या कर दी गई।
9. अली को चौथा खलीफा के रूप में कब नियुक्त किया गया ?
उथमान की मृत्यु के बाद अली को चौथा खलीफा नियुक्त किया गया।
10. तीसरे खलीफा उमर के जीते गये सभी प्रांतों में क्या - क्या बदलाव आए ?
1. खलीफाओं ने नया प्रशासनिक ढांचा लागू किया, जिनके अध्यक्ष गवर्नर (अमीर) और कबीलो के मुखिया (अशरफ) थे।
2. केंद्रीय राजकोष (बैत अल-माल) अपना राजस्व मुसलमानों द्वारा अदा किए जाने वाले करो से और इसके अलावा धावों से मिलने वाली लूट में अपने हिस्से से प्राप्त करता था।
11. खलीफा में सैनिक किस - प्रकार से रहते थे ?
1. खलीफा के सैनिक, जिनमें अधिकतर बेदुइन थे, रेगिस्तान के किनारों पर बसे शहरों जैसे फूफा और बसरा में शिविरों में रहते थे, ताकि वे अपने प्राकृतिक आवास स्थलों के निकट और खलीफाओं की कमान के अंतर्गत बने रहे।
2. शासक वर्ग और सैनिकों को लूट में हिस्सा मिलता था और मानसिक अदायगियां (अता) प्राप्त होती थी।
12. गैर मुस्लिम लोगों को किस - प्रकार का अधिकार बना रहता था ?
1. गैर मुस्लिम लोगो द्वारा करों (खराज और जीजिया) को अदा करने पर,उनका संपत्ति का और धार्मिक कार्यों को संपन्न करने का अधिकार बना रहता था।
2. यहूदी और ईसाई राज्य के संरक्षित लोग (धिम्मीस) घोषित किए गए और अपने सामुदायिक कार्यों को करने के लिए उन्हें काफी अधिक स्वायत्तता दी गई थी।
13. राजनैतिक विस्तार और एकीकरण का कार्य किस प्रकार से होता था ?
1. राजनैतिक विस्तार और एकीकरण का कार्य अरब कबीले सरलता से नहीं कर पाए।
2. राजक्षेत्र के विस्तार से संसाधनों और पदों के वितरण के बारे में पैदा हुए झगड़े उम्मा की एकता के लिए खतरा बन गए।
3. प्रारंभिक इस्लामी राज्य के शासन में मक्का के कुरैश लोगों का ही बोलबाला था।
14. चौथी खलीफा अली (644-656) के समय हुए बदलावों का उल्लेख करें।
1. अली द्वारा, उन लोगों के खिलाफ, जो मक्का की अभिजात - तंत्र का प्रतिनिधित्व करते थे, जो युद्ध लड़े जाने के बाद मुसलमानों में दरार और गहरी हो गई।
2. अली के समर्थकों और शत्रुओं ने बाद में इस्लाम के दो मुख्य संप्रदाय शिया और सुन्नी बना लिए
3. अली ने अपने आप को फूफा में स्थापित कर लिया और मोहम्मद की पत्नी आयशा के नेतृत्व वाली सेना को ऊंट की लड़ाई (657) में पराजित कर दिया। लेकिन उथमान के नातेदार और सीरिया के गवर्नर मुहावरा के नेतृत्व वाली गुट का दमन नहीं कर सका।
4. अली का दूसरा युद्ध जो सिफ्फिन (उत्तरी मेसोपोटामिया) में हुआ था, संधि के रूप में समाप्त हुआ।
15. सिफ्फिन (उत्तरी मेसोपोटामिया) में हुआ था, संधि के रूप में समाप्त हुआ, इसके परिणाम स्वरूप क्या -क्या बदलाव आएं ?
1. युद्ध के बाद,उसके अनुयायियों को दो धड़ों में बंट गया। कुछ उसके वफादार बने रहे जबकि अन्य लोग ने उनका साथ छोड़ दिया और वह खरजी कहलाने लगे।
2. इसके शीघ्र बाद एक खरजी द्वारा गुफा में एक मस्जिद में अली की हत्या कर दी गई उसकी मृत्यु के बाद, उसके अनुयायियों ने उनके पुत्र हुसैन और उसके वंशजों के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट की।