1. इंटरनेट को क्या-क्या कहा जाता है ?
इंटरनेट पत्रकारिता
ऑनलाइन पत्रकारिता
साइबर पत्रकारिता
वेब पत्रकारिता
2. इंटरनेट किस प्रकार से नयी पीढ़ी को प्रभाव करती है ?
1. नई पीढ़ी के लिए इंटरनेट एक आदत-सी बनती जा रही है ।
2. जो लोग इंटरनेट के अभ्यस्त हैं,या जिन्हें 24 घंटे इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है, उन्हें अब कागज में छपे हुए अखबार उतने ताजे और मनभावन नहीं लगते ।
3. उन्हें हर घंटे 2 घंटे में खुद को अपडेट करने की लत लगती जा रही है !
3. कंप्यूटर किस-प्रकार से उपयोगी साबित होती है?
1. भारत में कंप्यूटर साक्षरता की दर बहुत तेजी से बढ़ रही है।
2. पर्सनल कंप्यूटर इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है
3. हर साल करीब 50-55 फ़ीसदी की रफ्तार से इंटरनेट कनेक्शनों की संख्या बढ़ रही है ।
4. उसकी वजह यह है कि इंटरनेट पर एक ही झटके में जो झुमरीतलैया से लेकर होनोलूलू तक खबरें पढ़ सकते हैं ।
5. दुनियाभर के चर्चाओं -परिचर्चाओं में शरीक हो सकते हैं और अखबार की पुरानी फाइलें खंगार सकते हैं।
4. इंटरनेट क्या है ?
इंटरनेट सिर्फ एक टूल यानी औजार है,जिसे सूचना, मनोरंजन, ज्ञान और व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक संवादों के आदान-प्रदान के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं ।
5. इंटरनेट की दुष्परिणाम क्या है ?
इंटरनेट अश्लीलता, दुष्प्रचार और गंदगी फैलने का ही दुष्परिणाम है ।
6. इंटरनेट पर पत्रकारिता के दो पहलू हैं । कौन-कौन ?
1. पहला तो इंटरनेट का एक माध्यम है या औजार के तौर पर इस्तेमाल, यानी खबरों के संप्रेषण के लिए इंटरनेट का उपयोग।
2. दूसरा, रिपोर्टर अपनी खबर को एक जगह से दूसरी जगह तक ईमेल के जरिए भेजने और समाचारों के संकलन, खबरों के सत्यापन और पुष्टिकरण में भी इसका इस्तेमाल करता है ।
7. इंटरनेट किस-प्रकार से उपयोगी साबित होती है?
1. रिसर्च या शोध का काम इंटरनेट ने बेहद आसान कर दिया है ।
2. इंटरनेट चंद मिनटों में विश्वव्यापी जंजाल के भीतर से कोई भी बैकग्राउंड या पृष्ठभूमि खोजी जा सकती है ।
3. आज एक सेकंड में 56 किलोबाइट यानी लगभग 70 हजार शब्द भेजे जा सकते हैं ।
4. आज तमाम प्रमुख अखबार पूरे के पूरे इंटरनेट पर उपलब्ध है । कई प्रकाशन समूह ने और कई निजी कंपनियों ने खुद को इंटरनेट पत्रकारिता से जोड़ लिया है।
8. इंटरनेट पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं ?
1. इंटरनेट का इस्तेमाल इंटरनेट पत्रकारिता नहीं कहा जा सकता।
2. इंटरनेट पर अखबारों का प्रकाशन या खबरों का आदान-प्रदान ही वास्तव में इंटरनेट पत्रकारिता है ।
3. इंटरनेट पर हम किसी रूप में खबरों, लेखों , चर्चा - परिचर्चाओं, बहसों, फीचर, झलकियों, डायरियों के जरिए अपने समय की धड़कनों को महसूस करने और दर्ज करने का काम करते हैं तो वही इंटरनेट पत्रकारिता है ।
9. विश्व स्तर पर इंटरनेट पत्रकारिता का क्या सिद्धांत है ?
1. विश्व स्तर पर इस समय इंटरनेट पत्रकारिता का तीसरा दौर चल रहा है ।
2. पहला दौर था 1982 से 1993 तक जबकि दूसरा दौर चला 1993 से 2001 तक तीसरे दौर के इंटरनेट पत्रकारिता 2002 से अब तक की है ।
3. पहले चरण में इंटरनेट खुद प्रयोग के धरातल पर था, इसलिए बड़े प्रकाशन समूह यह देख रहे थे कि कैसे अखबारों की उपस्थिति सुपर इंफॉर्मेशन हाईवे पर दर्ज हो।
10. इंटरनेट पत्रकारिता का इतिहास क्या है ?
1. एओएल अमेरिका ऑनलाइन जैसी चर्चित कंपनियां सामने आईं। लेकिन कुल मिलाकर यह प्रयोगों का दौर था। सच्चे अर्थों में इंटरनेट पत्रकारिता की शुरुआत 1983 से 2002 के बीच हुई इस दौर में तकनीक के स्तर पर भी इंटरनेट का जबरदस्त विकास हुआ।
2. नयी वेब भाषा एचटीएमएल (हाइपर टेक्स्ट मार्क्डअप लैंग्वेज ) आई, इंटरनेट ईमेल आया , इंटरनेट एक्स्प्लोरर और नेटस्कैप नाम के ब्राउज़र ( वह औजार जिसके जरिए विश्वव्यापी जाल में गोते लगाए जा सकते हैं ) आए।
3. इंटरनेट को भी सुविधासंपन्न और तेज रफ्तार बना दिया। इस दौड़ में लगभग सभी अखबार टेलीविजन विश्व जाल में आए। 'न्यूयॉर्क टाइम्स', 'वाशिंगटन पोस्ट', 'सीएनएन', 'बीबीसी', सहित तमाम बड़े घरानों ने अपने प्रकाशनों, प्रसारणों के इंटरनेट संस्करण निकाले ।
4. दुनिया भर में इंटरनेट का काफी विस्तार हुआ। न्यू मीडिया के नाम पर डॉटकॉम कंपनियों का उफान आया। जिसे देखो, वही इंटरनेट और डॉटकॉम की बात करने लगा। रातोंरात अमीर बनने का ख्वाब देखने लगे।
5. इसलिए जितनी तेजी के साथ आया था उतनी ही तेजी के साथ इसका बुलबुला फूटा भी। सन् 1996 से 2002 के बीच अमरीका में 500000 लोगों को डॉटकॉम की नौकरियों से हाथ धोना पड़ा ।
6. विषय सामग्री और पर्याप्त आर्थिक आधार के अभाव में ज्यादातर डॉटकॉम कंपनियां बंद हो गईं।
7. लेकिन यह भी सही है कि बड़े प्रकाशन समूह ने इस दौर में भी खुद को किसी तरह जमाए रखा । चुंकि जनसंचार के क्षेत्र में सक्रिय लोग यह जानते थे कि और चाहे जो हो सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम के तौर पर इंटरनेट का कोई जवाब नहीं ।
8. इसलिए इसके प्रसंगिकता हमेशा बनी रहेगी । इसलिए कहा जा रहा है इंटरनेट पत्रकारिता का 2002 से शुरू हुआ तीसरा दौड़ सच्चे अर्थों में टिकाऊ हो सकता है।
11. भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का क्या रूप है?
1. भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का अभी दूसरा दौर चल रहा है ।
2. भारत के लिए पहला दौर 1993 से शुरू माना जा सकता है जबकि दूसरा दौर सन 2003 से शुरू हुआ है।
पहले दौड़ में हमारे यहां भी प्रयोग हुए हैं, डॉटकॉम का तूफान आया और बुलबुले की तरह फूट गया।
3. अंततः वही टिके रहे जो मीडिया उद्योग से पहले से ही टिके हुए थे। आज पत्रकारिता के दृष्टि से 'टाइम्स ऑफ इंडिया', 'हिंदुस्तान टाइम्स', 'इंडियन एक्सप्रेस', 'हिंदू', 'ट्रिब्यून', 'स्टेट्समैन', 'पॉयनियर', 'एनडीटी.वी', 'आईबीएन', 'ज़ी न्यूज़', 'आज तक', और 'आउटलुक', की साइटे बेहतर है।
12. इंटरनेट पत्रकारिता में कौन-सी साइटे भुगतान के जरिए देखी जा सकती है ?
इंडिया टुडे जैसे कुछ साइड के भुगतान के बाद ही देखी जा सकती है।
13. भारत में कौन-सी साइटे नियमित अपडेट होती रहती है ?
जो साइटे नियमित अपडेट होती है, उनमें 'हिंदू', 'टाइम्स ऑफ इंडिया', 'आउटलुक', 'इंडियन एक्सप्रेस', 'एनडीटी.वी', 'आजतक', और 'जी न्यूज़', प्रमुख है।
14. भारत में सच्चे अर्थों में कौन वेब पत्रकारिता कर रहा है ?
भारत में सच्चे अर्थों में यदि कोई भी पत्रकारिता कर रहा है तो वह 'rediff.com', 'इंडिया इन्फोलाइन; व 'सीपी; जैसी कुछ ही साइटें हैं।
15. भारत की पहली साइट का क्या नाम है ?
रीडिफ़ को भारत की पहली साइट कहा जाता है ।
16. विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय कौन साइट को जाता है ?
जो कुछ गंभीरता के साथ इंटरनेट पत्रकारिता कर रही है वेबसाइट पर विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय 'तहलका डॉटकॉम; को जाता है